Swami Vivekanand Library, Kurukshetra, Haryana Swami Vivekanand Library, Kurukshetra, Haryana
Swami Vivekanand Library, Kurukshetra, Haryana

कलायत की एक निर्धन बस्ती से ताल्लुक रखने वाली कविता के लिए पढ़ाई करना एक समय में सिर्फ एक सपना था। चार भाई-बहनों के बीच घर में न तो स्थान था, न ही पढ़ने का शांत वातावरण। लेकिन जब वह स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय से जुड़ी, तो यह उसके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गया। यहाँ उसे न सिर्फ अध्ययन के लिए शांत और संसाधन-संपन्न वातावरण मिला, बल्कि सही दिशा में मार्गदर्शन और आत्मविश्वास भी प्राप्त हुआ। नियमित अध्ययन और संकल्प से उसने हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) उत्तीर्ण की और अब एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही है। कविता मानती है कि यह पुस्तकालय सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि स्वामी विवेकानंद जी की विचारधारा का प्रत्यक्ष स्वरूप था — जहाँ संघर्षशीलों को अवसर, निर्बलों को शक्ति और ज्ञान की खोज करने वालों को मार्ग मिलता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।” कविता की सफलता इसी संदेश की जीती-जागती मिसाल है। इस पुस्तकालय ने उसे न केवल किताबें दीं, बल्कि स्वावलंबन, आत्मबल और राष्ट्र निर्माण में योगदान का संकल्प भी दिया।